नए विचार- मधुछन्दा
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शुक्रवार, 17 दिसंबर 2010
मेरे बाग के फूल..................
मेरे बाग के फूल
डाली से टूट भी जाए तो
मुरझाते नहीं है।
पँखुड़ी-पंखुड़ी अलग हो जाए
तो भी
खुशबू ही विखेरते हैं।
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