घनी आबादी के बीच एक औरत
चलती रहती है अपनी आँखे फाड़-फाड़
खोजती है शिकार
किशोर लड़कियों के
ताकि सूना सके
अपनी अपूरित वासना और
मर्दों से मिले दूतकार को
जब भी कोई आती है उसके दायरे में
बिना मर्द के विषय की बात-चीत नहीं होती
जब तक वह अपनी मनमानी न करे
उसके सम्मान की जीत नहीं होती।
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