skip to main
|
skip to sidebar
नए विचार- मधुछन्दा
पेज
मुख्यपृष्ठ
Home
कुल पेज दृश्य
शुक्रवार, 4 जून 2010
सवाल नज़रों का...........
उसने मुझे
बड़े गौर से
एक बार देखा,
उसकी नज़रों में
कई सवाल थे,
मेरी नज़रे भी
सवालों से भरी थी,
उसकी नज़रों के सवालों
को जानना चाहती थी,
पर जवाब किसी के
पास नहीं था,
सवाल ये नज़रो का था।
नई पोस्ट
पुराने पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
संदेश (Atom)
Hello readers
Welcome to my blog
फ़ॉलोअर
ब्लॉग आर्काइव
►
2023
(3)
►
सितंबर
(1)
►
अगस्त
(2)
►
2022
(1)
►
दिसंबर
(1)
►
2021
(2)
►
जून
(1)
►
फ़रवरी
(1)
►
2020
(10)
►
दिसंबर
(2)
►
जुलाई
(1)
►
जून
(1)
►
मई
(2)
►
अप्रैल
(3)
►
मार्च
(1)
►
2019
(5)
►
जुलाई
(1)
►
जून
(1)
►
मई
(1)
►
फ़रवरी
(2)
►
2018
(2)
►
जून
(1)
►
फ़रवरी
(1)
►
2017
(7)
►
जुलाई
(1)
►
जून
(1)
►
अप्रैल
(2)
►
मार्च
(1)
►
जनवरी
(2)
►
2015
(2)
►
सितंबर
(1)
►
मई
(1)
►
2014
(5)
►
सितंबर
(2)
►
अगस्त
(2)
►
मई
(1)
►
2013
(7)
►
अक्तूबर
(1)
►
सितंबर
(2)
►
मई
(2)
►
अप्रैल
(2)
►
2012
(5)
►
सितंबर
(1)
►
मई
(1)
►
अप्रैल
(2)
►
फ़रवरी
(1)
►
2011
(4)
►
नवंबर
(1)
►
जुलाई
(1)
►
अप्रैल
(1)
►
फ़रवरी
(1)
▼
2010
(22)
►
दिसंबर
(1)
►
नवंबर
(1)
►
अक्तूबर
(2)
►
सितंबर
(1)
►
अगस्त
(2)
►
जुलाई
(1)
▼
जून
(1)
सवाल नज़रों का...........
►
मई
(1)
►
अप्रैल
(3)
►
मार्च
(4)
►
फ़रवरी
(4)
►
जनवरी
(1)