ममदू कौन था?
घोड़े वाला
इरा किस होटल में रुकी थी?
एल्पाइन होटल
इरा का पालन पोषण किसने किया?
नौकरानियों
कौन बतरा के बंगले का चक्कर लगाता था?
विमल
डॉ साहब के बच्चों के नाम क्या थे?
रंजन और विजन
इरा की सहेली का नाम क्या है?
दमयंती
शीला किसकी प्रेमिका थी?
बतरा
इरा अपनी कहानी किसे सुनाती है?
तिलक
डॉ साहब की उम्र क्या थी?
पचास से ऊपर
बतरा कौन सा खेल खेलते थे?
पोकर
संदर्भ सहित व्याख्या
१. आदमी से भागना भी चाहती हूँ, और उसी के पास रहना भी चाहती हूँ। शिकायतें भी उसी से हैं और प्यार भी उसी से हैं।
संदर्भ:- प्रस्तुत गद्यांश डाक बंगला से लिया गया है। इस उपन्यास के रचैता कमलेश्वर जी है।
प्रसंग:- किसने किससे कहा- इरा ने तिलक से कहा।
व्याख्या:- इरा ने अपनी कहानी तिलक को सुनाई जिसमें उसने यह बताया कि कैसे उसके जीवन में अलग-अलग पुरुषों के कारण उसे कितने कष्ट और मुसीबतें झेलनी पड़ी है। पहले विमल जिससे इरा प्रेम करती थी परन्तु विमल खुद ही संकीर्ण मानसिकता वाला और कमजोर व्यक्तित्व वाला था जो उसे दिल्ली अकेले छोड़ कर बंबई भाग गया था। वो शंकालु भी हो गया था। फिर बतरा ने इरा के साथ अन्याय किया। वह उसके बच्चे की माँ भी बनने वाली थी लेकिन बतरा ने छल से उस बच्चे को गिरवा दिया। वही डॉ चंद्रमोहन से भी जब शादी हुई तो उसने भी केवल इरा से शरीरिक सुख ही पाना चाहा। इरा के कथन का अर्थ ये था कि उसके जीवन में जो भी पुरुष आया उन्होंने उसे विलास की वस्तु के रूप में देखा, उससे यही चाहा। इरा को वास्तविक प्रेम और अधिकार वाला जीवन साथी भी नहीं मिला। उसे ऐसा आदमी चाहिए था जो इरा को प्यार करे और उसे समझे। जैसे इरा के मन में किसी भी पुरुष को देखने पर प्रेम और ममता की भावना जगती रही है उसे भी वही चाहिए। परन्तु पुरुषों के संसार में नारी को भोग विलास मात्र समझना यही इरा की सबसे बड़ी शिकायत है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें