बड़ी खूबसूरती से ज़िन्दगी बदलती जा रही है
कभी जंगल, कभी बस्तीयाँ,
कभी रोशनी के खम्बे, कभी सड़क पर चलती गाड़ियाँ।
बड़ी खूबसूरती से ज़िन्दगी बदलती जा रही है।
जहाँ भी देखों
खिलौने सजे हैं
छोटे-छोटे घरोंदों में
ज़िन्दगी खेल रही है
बड़ी शिद्दत से सजा के रक्खी है
खुशियों ने अपनी महरबानियाँ
बड़ी खूबसूरती से ज़िन्दगी बदलती जा रही है।
कही बादल के गुच्छे से बनकर जा रही है
कही झाड़ियों में चिड़ियों का दल गा रहा है
कही कोई ज़िन्दगी ढो रहा है
कही सड़क को पटरी से अलग करती बेड़ियाँ
बड़ी फुर्सत में ज़िन्दगी नज़रानों से फ़िज़ा को भर रही है ।
रेल से सफ़र करते हुए
बोगियों की खिड़कियों से झांकते हुए देखा
तो लगा
बड़ी खूबसूरती से ज़िन्दगी बदलती जा रही है।
khub sundor likhecho..........
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