याद आते हो.........
याद आते हो,
हर पल मुझे तुम याद आते हो
कुछ अनकही बातों में,
कुछ उभरते जज़बातों में।
तुम्हारे और मेरे बीच जो एहसास की डोर है,
उसके दोनों छोर पर हमारा दिल है।
अपने दिल की राह से जब तुम तक जाती हुँ
तब तुम याद आते हो।
जब दिसम्बर की सिकुड़ती रातों में
रज़ाई के नीचे मेरा मन सोता था
तब तुम याद आते थे।
जब उन दिनों चाँद भी बादलों की चादर ओढ़कर
अपनी रोशनी से जाहां को रोशन कर रहा था,
तब उस रोशनी में नहाया हुआ हर एक पल
तुम्हारी याद दिलाता था।
जब बारिश होती है
और मेरा जी प्यासा हो जाता है
तब तुम याद आते हो।
ये अजीब सी बात है कि
तुम्हारे और मेरे बीच कोई कड़ी छूटती नहीं है।
क्या हम एक हो चुके है साथी।
फूलों के रंगों में
मिट्टी की खूशबु में
पानी पर पड़ती परछाई में
तुम ही तो हो जो नज़र आते हो।
इन आँखों ने जो देखा है उन सबमे तुम्हें ही देखा है।
और जब आईने में मैं एक नज़र खुद से मिलाती हुँ
तो लगता है कि तुमसे नज़र मिला रही हुँ।
किताबों में न जाने कितने अनगिनत शब्द
हर शब्द का कुछ-कुछ अर्थ।
जब उन्हें पढ़ती हुँ
तो लगता है कि तुम्हारा नाम लेती हुँ।
क्योंकि तुम हर पन्ने में बसे हो।
जब पुराने पलटे पन्ने इक नज़र देखती हुँ
तब तुम याद आते हो।
और इस तरहा हर लम्हा गुज़र जाता है।
तुममे हम खोये रहते हैं,
पर बीता हर एक-एक पल
तुम्हारी याद दिलाता है।
क्योंकि उन बीतें लम्हों में तुम ही तो बीते थे
जो गज़ारे थे साथ हमने।
"तुम्हारे और मेरे बीच जो एहसास की डोर है,
जवाब देंहटाएंउसके दोनों छोर पर हमारा दिल है।"
शब्द और भावों का सार्थक संयोजन - हार्दिक शुभकामनाएं
जब आईने में मैं एक नज़र खुद से मिलाती हुँ
जवाब देंहटाएंतो लगता है कि तुमसे नज़र मिला रही हुँ।
wow kya baat kahi hai pyar me dube do man ek ho gaye ho jaise
वक्त के पन्ने पलटकर
जवाब देंहटाएंफ़िर वो हसीं लम्हे जीने को दिल चाहता है
कभी मुशाकराते थे सभी दोस्त मिलकर
अब उन्हें साथ देखने को दिल तरस जाता है
Aap sabhi ka bahut bahut dhanyawad
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