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शनिवार, 6 दिसंबर 2025

एक शाम और हरसिंगार के प्रेम

अरुणाचल प्रदेश के ख़ूबसूरत पहाड़ी ज़िले पश्चिमी सियांग का सुंदर शहर अलोंग । यह 90 के दशक का अंतिम समय रहा होगा, और शहर अपनी हरी-भरी ख़ूबसूरती लिए दुनिया के सामने इठला रहा था। अभी-अभी अच्छी बारिश होकर गुज़री थी। हल्की-सी धुंध और भीगी हरियाली तन-मन को जितनी शीतलता दे रही थी, उससे कहीं अधिक एक अजीब-सी कसक पैदा कर रही थी। चंदा अपने क्वार्टर के बरामदे में माँ के साथ छत से टपकते बारिश के पानी को पास रखे एक लोहे के ड्रम में इकट्ठा कर रही थी। इतनी ऊँचाई वाली जगहों पर पानी की आपूर्ति दिन में केवल एक ही बार आती थी, इसलिए घर के अन्य ज़रूरतों के लिए पानी बड़ी मुश्किल से हो पाता था। असम राइफल्स के क्वार्टर में रहने वाले सभी परिवारों का यही एक तरीक़ा था जिससे वे पानी की कमी पूरी करते थे। सभी के घर में बड़े-बड़े, खाली पड़े पेट्रोल के ड्रम थे, जिनमें वे बारिश के दिनों का पानी भरते और उसी से काम चलाते थे।

अगले दिन चंदा की स्कूल से छुट्टी थी। घर के सारे काम हो चुके थे। शाम के समय चंदा माँ के साथ बैठकर एक सफ़ेद