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सोमवार, 18 अगस्त 2025

BCA SEP 1st semester Tajmahal Nibandh notes


एक शब्द में लघु प्रश्नोत्तर

भगवतशरण उपाध्याय द्वारा लिखा गया यह निबंध किस विषय पर है?

ताजमहल

दुनिया के अजूबों में किसकी गिनती होती है?

चीन की दीवार

ताजमहल किसकी कब्र है?

मुमताज़महल

ताजमहल का असली नाम क्या था?

मुमताज़महल

मुमताज़महल की माता का नाम क्या था?

अजमद बानू बेगम

शाहजहाँ ने मुमताज़महल की कब्र कहाँ बनवाई थी?

शाहजहाँ की कब्र के बराबर

ताजमहल के नीचे वाले कमरे में किसकी कब्रें हैं?

मुमताज़महल और शाहजहाँ

कब्रों पर कुरान का पाठ किसने किया था?

कारीगरों ने

कब्रों पर फूलों का काम किसने किया था?

संगतराशों ने

ताजमहल के मेहराब पर क्या लिखा है?

पाकदिल बहिश्त में प्रवेश करे

ताजमहल के बाग में बीचों-बीच क्या है?

पतली नहर

ताजमहल के लिए मॉडल किसने तैयार किया था?

उस्ताद ईसा

ताजमहल बनाने के लिए कहाँ से मज़दूर आए थे?

देश के कोने-कोने से

ताजमहल बनाने में कितना समय लगा था?

बाईस साल

ताजमहल को बनाने के लिए कहाँ-कहाँ से पत्थर लाए गए थे?

जयपुर, पंजाब, चीन, तिब्बत, अरब, ईरान आदि।

संदर्भ सहित व्याख्या वाले नोट्स

"हज़ार मील लम्बी चीन की दीवार को देखता है, हैरत में आ जाता है।"

संदर्भ: यह पंक्ति निबंध के उस भाग से है जहाँ लेखक दुनिया के महान आश्चर्यों की बात कर रहे हैं।

व्याख्या: लेखक बताता है कि चीन की दीवार को देखने वाला हर व्यक्ति अचंभित हो जाता है। इसे बनाने वाले कारीगर भले ही अब मौजूद नहीं हैं, लेकिन उनकी बनाई हुई यह विशाल इमारत आज भी दुनिया के अजूबों में गिनी जाती है, जो उनके अमर काम का प्रमाण है।

"ताज सफेद संगमरमर का बना है। चारों कोनों पर चार ऊँची बुर्जेँ जैसे आसमान में तीर मारती हैं, जमुना मूकी नहीं रहती तो समझी इमारत की छाया उसकी लहरों में डोलती रहती है।"

संदर्भ: यह अंश ताजमहल की भव्यता और उसकी सुंदरता के वर्णन से लिया गया है।

व्याख्या: इस पंक्ति में ताजमहल की बनावट का सुंदर चित्रण किया गया है। लेखक बताता है कि ताजमहल सफेद संगमरमर से बना है और उसके चारों कोनों पर बनी ऊंची मीनारें ऐसी लगती हैं मानो आसमान में तीर मार रही हों। यमुना नदी के किनारे स्थित होने के कारण, उसकी परछाई नदी की लहरों में हिलती रहती है, जो एक बहुत ही सुंदर दृश्य प्रस्तुत करता है।

"कब्रों के सफेद पत्थर, कभी न मुरझानेवाले इन्हीं फूलों के बाग बन गए हैं! जिस खुदाई का जादूगर चित्र अपने चित्तों का हासिलिया लिखता है, उसी बारीकी से संगतराश ने अपनी छेनी से पत्थर पर वह फूलों का बाग बना दिया है।"

संदर्भ: यह पंक्तियाँ कब्र पर की गई कलाकारी और कारीगरों की अद्भुत कारीगरी का वर्णन करती हैं।

व्याख्या: लेखक यहाँ ताजमहल के भीतर बनी कब्रों पर की गई सूक्ष्म और बारीक कारीगरी की प्रशंसा करते हैं। वे बताते हैं कि कब्रों पर जो फूल बनाए गए हैं, वे इतने जीवंत लगते हैं कि मानो कभी मुरझाएंगे ही नहीं। यह कलाकारी इतनी जटिल है कि लगता है किसी जादुई कारीगर ने अपनी छेनी से पत्थर पर फूलों का बगीचा उकेर दिया हो।

"इतनी धनी सुघराई! कहीं कुछ कम नहीं, कहीं कुछ ज्यादा नहीं, जैसे कुदरत ने तौलकर रख दिया है। कुछ घटाया बढ़ाया नहीं जा सकता, कुछ बदला नहीं जा सकता।"

संदर्भ: यह अंश ताजमहल की बनावट की पूर्णता और संतुलन को दर्शाता है।

व्याख्या: इस पंक्ति में लेखक ताजमहल की वास्तुकला की सटीकता का वर्णन करते हैं। वे कहते हैं कि ताजमहल की सुंदरता में कोई कमी या अधिकता नहीं है। हर एक हिस्सा इतनी पूर्णता से बनाया गया है, जैसे प्रकृति ने स्वयं उसे तौलकर रखा हो। इसमें न तो कुछ कम किया जा सकता है और न ही कुछ बढ़ाया जा सकता है, जो इसकी बेजोड़ और शाश्वत सुंदरता को प्रमाणित करता है।

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